पढ़ाई अकल तंज़ जंग हंसाई मुर्ख लोगों कि होती टहनी पर बैठ टहनी काटे गुरू कृपा से सद्कर्म करें मुझे फिर से बॉर्डर पर जाना हैं समाज सोच औरत घर कर्तव्य दर्द कागज़ लोगों

Hindi आत्ममोह से ग्रसित लोगों पर तंज़ कसती कविता... Poems